Saturday, July 27, 2013

इंडिया वालों ……. तैयार हो जाओ

                                                         80 के पूर्वार्द्ध में हमारे गाँव में महिलाएं शैम्पू नहीं जानती थीं . कपडा धोने के लिए एक नया प्रोडक्ट आ गया था जिसे मेरी भाभी सोड्डा बोलती थी …दरसल वो निरमा था ……. मोटर साईकिल  सिर्फ उन लोगों के पास होती थी जिन्हें दहेज़ में मिलती थी . मेरे गाँव में बिजली सन 65 में आयी थी …ज़िस साल मेरा जनम हुआ …… तब सुनते हैं रोजाना 6 घंटे आती थी . आजकल भी 6 घंटे ही आती है . मेरे घर के सामने एक कच्ची सड़क हुआ करती थी जो धीरे धीरे ईंट का खडंजा होते हुए पक्की हो गयी …… बाकि मेरा गाँव अर्थात UP वही है जो 75 -80 में हुआ करता था .उस दिन मुलयमा टीवी पे पूछ रहा था किया क्या है मोदी ने . मैं बताता हूँ क्या किया है . मेरे घर में बीस लीटर दूध होता है .सुबह  का दस लीटर एक दूधिया ले जाता है 17 रु लीटर और बनारस में बेचता है 35 रु लीटर . शाम के दूध का कोई ग्राहक नहीं . अब क्या करें उसका . उसे यूँ ही लटका देते हैं आँगन में . सुबह तक फट जाता है . सुबह उस फटे दूध का खोया बना लेते हैं जो औने पौने दाम बिक जाता है ……मोदी के गुजरात में गाँव में 24 घंटे लाइट आती है .वहाँ का किसान  इस दूध को फ्रीज़र में रखेगा . वैसे वहाँ सुबह शाम कोआपरेटिव डेरी की गाडी आती है हर गाँव में और FAT % के हिसाब से पैसा देती है . हमारे UP में न बिजली आयी आज तक न डेरी के गाडी ……ये फर्क है मोदी और मुलायम में .
                                                        इस बीच सुना है की इंडिया काफी तरक्की कर गया है . उस दिन टीवी पे एक विज्ञापन आ रहा था तनिष्क का . दोनों बहनें शोरूम में गहने देख रहीं थीं . सिर्फ तीन लाख का …… मैंने सोचा महँगा होगा ……. यानि ये कितना सस्ता है …… राज बब्बर और राशिद मसूद की थाली जैसा ……सिर्फ़ तीन लाख का ……. मुझे लगा इंडिया भारत को मुह चिढा रहा है ……. मेरे गाँव से वो जगह सिर्फ सौ किलोमीटर दूर है जहां उस दिन वो गरीब भूखे बच्चे midday meal खा के मर गए . दुःख इस बात का नहीं की मर गए ……बल्कि इस बात का है की सौ किलोमीटर दूर पटना के PMCH अस्पताल पहुंचाने में बिहार सरकार को बारह घंटे लग गए ……क्योंकि उस प्राइवेट मिनी बस का डीज़ल रास्ते में ख़तम हो गया था …… जो खिचडी उन बच्चों को दी जाती है , इंडिया के बहुत से लोग अपने कुत्तों को उसे खिलाने का रिस्क नहीं लेंगे . इंडिया का योजना आयोग कहता है की जो एक दिन में 27 रु की भारी भरकम रकम खर्च करे वो गरीब नहीं . गरीब नही तो क्या नाम दें , पता नहीं . पर जिसे तीन लाख का गहना सस्ता लगे उसे किस नाम से बुलाना चाहिए .

                                                           1985 में कहा था राजीव गाँधी ने , एक रु में से 15 पैसे पहुँचते हैं भारत . बाकी इंडिया वाले खा जाते हैं . इस बार मैंने इंडिया को वो 85 पैसे खाते देखा . नरेगा मनरेगा …… अब सात साल की  हो गयी हैं दोनों बहनें . अब तो इनकी समीक्षा हो जानी चाहिए .लगभग  तीन लाख करोड़ खर्च हो गया इन पे . 7  साल और तीन लाख करोड़ बाद कितना बदला भारत ? बाकि देश का मैं जानता नहीं पर UP में तो पिछले दस साल में हालात और बिगड़े हैं …… सडकें टूट गयी हैं …… इंडस्ट्री ख़तम हो गयी …. अस्पताल जस के तस है ….स्कूल  भी जस के तस … अलबत्ता लखनऊ में अम्बेडकर पार्क बन गया है जहां पत्थर की मूर्तिया लगी है मायावती की और उनके हाथी की …… मायावती की मूर्ती gucci का हैंडबैग हाथ में लिए है जिसकी कीमत कहते हैं सवा लाख होती है . इस पार्क से कितना रोज़गार मिला हम UP वालों को ….पता नहीं . मेरे गाँव में एक भी आदमी ऐसा नहीं जिसकी आमदनी गाँव में बढ़ी हो . हाँ एक मित्र हैं जो कुछ साल पहले तक स्वरोजगार रत थे , उनकी नियुक्ति नरेगा में contract basis पे हो गयी है , एक supervisory staff के रूप में , इस बार पता चला की वो लाख रु महीना तक बना लेते हैं . 5 -7  ग्राम सभा हैं उनके चार्ज में . अब उनकी बीबी को तो तीन लाख का गहना सस्ता ही लगेगा . अब उनकी बीवी भी gucci का पर्स ले कर चलेगी . बजट में हर साल लाखो करोड़ रु भारत के लिए देता है इंडिया , जिसमे से बकौल राजीव गाँधी 85 % खुद इंडिया वाले ही खा जाते हैं ……… फिर ऊपर से मुह चिढाते है ….साले .... 27  रु रोज़ खर्च के भी गरीब बने रहना चाहता है . साले का BPL कार्ड फाड़ के फेंको .
   
                                                        75000 करोड़ की  योजना है food security bill . 85 % यानि 64000 करोड़ और आ रहा है . इंडिया वालों ……. तैयार हो जाओ ....GET READY FOR THE PARTY ……तनिष्क को अपना प्रोडक्शन बढ़ाना चाहिए













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